White सजावट के सामान का क्या कीजिए
बेहतर है.. इक प्यारा सा आईना लीजिए
छाँव में अगर अब तक सफ़ऱ गुजरा है तो
राह में धूप का भी ..उतना ही मज़ा लीजिए
किसी सहारे को नज़र, तकती नही है दिन में
रात का अफ़सोस या फिर चरागों को रौशन कीजिए
दरिया सा शांत रहकर थोड़ा सुकूँ से बैठते है
बेवज़ह के इस शोर को ख़ामोशी से गुजरने दीजिए
कहीं मुकम्मल तो.वही किसी के लिये अधूरी है
ये जीत ही है. ज़माने को ज़रा समझने दीजिए
जोडने वाले धागे तो यहाँ भी कच्चे ही निकले
धीमी आँच में.इनको अब तो जलने दीजिए
हर लम्हा किताबों में दर्ज़ हो जाता है .जानते है सब
हवाओं से इन पन्नो को थोड़ा पलटने तो दीजिए
@विकास
©Vikas sharma
#sad_shayari रात या चिराग