आज़ाद पंछी हूँ
मैं अपनी उड़ान खुद तय करूँगा
उरूज इतनी ऊँजी होगी
नीचे गिराने वालों की नज़र से ओझल होउँगा
देखते रह जायेगे नाकाम कहने वाले
ऐ मेरी मंजिल तुझसे इतनी मोहब्बत करूँगा
तोड़ते हैं हर कोशिश को मेरी ये लोग
सुर्ख़-रू से जुड़कर अब मैं मजबूत बनूँगा
उड़ रहा मस्त गगन में
मैं मेरी जमीं से भी उतनी ही मोहब्बत करूँगा
अपने हर लक्ष्य की राह को पाकर रहूँगा
मैं इक आज़ाद पंछी हूँ
इक दिन सुर्ख़-रू से अपनी पहचान करूँगा
कि अपनी उड़ान खुद तय करूँगा
©writer....Nishu...
#आज़ाद पंछी