एक दीप अज्ञान हटा कर, सारा अंत: तमस मिटा दे। एक दी | हिंदी कविता

"एक दीप अज्ञान हटा कर, सारा अंत: तमस मिटा दे। एक दीप मन में प्रकाशमय, भावनाओं की ज्योति जला दे। इस प्रकाश के उत्सव में हम, ऐसे अगनित दिये जलाएं। आओ मिलकर एक साथ सब, ऐसे दीपावली मनाएं। ©Abhishek Bajpai"

 एक दीप अज्ञान हटा कर, सारा अंत: तमस मिटा दे।
एक दीप मन में प्रकाशमय, भावनाओं की ज्योति जला दे।
इस प्रकाश के उत्सव में हम, ऐसे अगनित दिये जलाएं।
आओ मिलकर एक साथ सब, ऐसे दीपावली मनाएं।

©Abhishek Bajpai

एक दीप अज्ञान हटा कर, सारा अंत: तमस मिटा दे। एक दीप मन में प्रकाशमय, भावनाओं की ज्योति जला दे। इस प्रकाश के उत्सव में हम, ऐसे अगनित दिये जलाएं। आओ मिलकर एक साथ सब, ऐसे दीपावली मनाएं। ©Abhishek Bajpai

#Diwali

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