उड़ने दो अफवाहों को, कोई 'राज़' थोड़ी है, ये बस सिस
"उड़ने दो अफवाहों को,
कोई 'राज़' थोड़ी है,
ये बस सिसकारियां हैं,
कोई आवाज़ थोड़ी है,
ज्यादा दूर तक उड़ सकें,
औकात नहीं है इनकी,
ये सब चिड़ियाएं हैं,
कोई 'बाज़' थोड़ी है !!"
उड़ने दो अफवाहों को,
कोई 'राज़' थोड़ी है,
ये बस सिसकारियां हैं,
कोई आवाज़ थोड़ी है,
ज्यादा दूर तक उड़ सकें,
औकात नहीं है इनकी,
ये सब चिड़ियाएं हैं,
कोई 'बाज़' थोड़ी है !!