Black Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो | বাংলা शायरी

"Black Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।। रात दिन अब देखता हूँ रास्ता । प्यार भी अपना जताएँ ईद में ।। मिल गया दिल को सकूँ मेरे यहाँ । देख जब वो मुस्कराएँ ईद में ।। सिर झुकाकर देख लूँ इस बार मैं । माफ़ शायद हों खताएँ ईद में ।। अब नही लब पर गिला मेरे सुनो । लौट आई हैं फ़िजाएँ ईद में ।। एक उनके दीद की खातिर प्रखर । मैं खड़ा हूँ सिर झुकाएँ ईद में ।। ११/०४/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 Black Gazal:-
माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में ।
दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।।
प्यार के जिसको तरसता मैं रहा ।
क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।।
रात दिन अब देखता हूँ रास्ता ।
प्यार भी अपना जताएँ ईद में ।।
मिल गया दिल को सकूँ मेरे यहाँ ।
देख जब वो मुस्कराएँ ईद में ।।
सिर झुकाकर देख लूँ इस बार मैं ।
माफ़ शायद हों खताएँ ईद में ।।
अब नही लब पर गिला मेरे सुनो ।
लौट आई हैं फ़िजाएँ ईद में ।।
एक उनके दीद की खातिर प्रखर ।
मैं खड़ा हूँ सिर झुकाएँ ईद में ।।
११/०४/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

Black Gazal:- माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में । दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।। प्यार के जिसको तरसता मैं रहा । क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।। रात दिन अब देखता हूँ रास्ता । प्यार भी अपना जताएँ ईद में ।। मिल गया दिल को सकूँ मेरे यहाँ । देख जब वो मुस्कराएँ ईद में ।। सिर झुकाकर देख लूँ इस बार मैं । माफ़ शायद हों खताएँ ईद में ।। अब नही लब पर गिला मेरे सुनो । लौट आई हैं फ़िजाएँ ईद में ।। एक उनके दीद की खातिर प्रखर । मैं खड़ा हूँ सिर झुकाएँ ईद में ।। ११/०४/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#eidmubarak

Gazal:-
माँगता हूँ मैं दुआएँ ईद में ।
दूर हो जाएँ बलाएँ ईद में ।।
प्यार के जिसको तरसता मैं रहा ।
क्या हमें वो हैं बुलाएँ ईद में ।।
रात दिन अब देखता हूँ रास्ता ।

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