दिल है अर्पित जान भी कुर्बान है मेरे कण-कण में बसा | हिंदी कविता Video

"दिल है अर्पित जान भी कुर्बान है मेरे कण-कण में बसा हिंदुस्तान है हिन्द की धरा जिसपे जीता हूँ मरता हूँ यही मेरी आन है बान है शान है ©Subant Kumar dangi(Poet, Writer) "

दिल है अर्पित जान भी कुर्बान है मेरे कण-कण में बसा हिंदुस्तान है हिन्द की धरा जिसपे जीता हूँ मरता हूँ यही मेरी आन है बान है शान है ©Subant Kumar dangi(Poet, Writer)

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