क्यों फीकी सी लगने लगी हर मिठास ।
है इतनी ठंड फिर भी ,
क्यों कभी ना बुझने वाली बस तेरी ही प्यास ।।
इन दो दिनों में जैसे दो सदियां काट ली हो बिन तेरे ,
क्या होता है इंतजार कोई पूछे तो सही दिल से मेरे ।
हर वक्त बस तुझे याद किया ,
इसके अलावा इतनी शिद्दत से शायद ही कोई काम किया ।।
कल रात , तेरी मोहब्बतों की इतनी बातें की चांद से ,
सुबह उठी तो चांद जलकर सूरज हो गया ।
शायद इसी इंतजार में मुझे,
तुझसे बेहद बेइंतहा प्यार हो गया ।।
हर वक्त हर लम्हा बहुत याद आया तू और तेरी हरकतें ,,
वो सबके बीच तिरछी नजरों से तेरा मुझे निहारना ।
और वह मेरा यूं नजरें झुकाए शर्माना ।।
वो तेरा सबसे बचाकर मेरे लबों को चूमना ।
और मेरा ना चाहते हुए भी मना करना ।।
बहुत याद आया ,, हर पल ही बस तुझे चाहना आया
और यह इंतजार मुझे हमेशा के लिए तेरे और करीब ले आया।।
©Anita SHIVraan
इंतजार ... ।