बाहें खुली है आसमां की" लगा के पंख हवाओं के उड़ा | हिंदी कविता Vi

"बाहें खुली है आसमां की" लगा के पंख हवाओं के उड़ा रही है मुझको धरा, तुम देखो तो ज़रा, मुझे संभालने के लिए ,बांहें खुली हैं आसमां की। आरज़ू जगी है दिल में, एक नई उमंग लिए, कह रहा है दिल खुशी से मुस्कुरा, यही है वक्त मुराद पूरी करने का, बना ले दिल का आशियां, बाहें खुली हैं आसमां की। ©Anuj Ray "

बाहें खुली है आसमां की" लगा के पंख हवाओं के उड़ा रही है मुझको धरा, तुम देखो तो ज़रा, मुझे संभालने के लिए ,बांहें खुली हैं आसमां की। आरज़ू जगी है दिल में, एक नई उमंग लिए, कह रहा है दिल खुशी से मुस्कुरा, यही है वक्त मुराद पूरी करने का, बना ले दिल का आशियां, बाहें खुली हैं आसमां की। ©Anuj Ray

# बाहें खुली है आसमां की"

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