Black सवेरे की चकाचौंध, नहीं भाती मुझे अब..! तमस | हिंदी Poetry Video

"Black सवेरे की चकाचौंध, नहीं भाती मुझे अब..! तमस में खुद मैं रात की, ख़ामोशी को सुन रहा हूँ..! नींद चैन नहीं जीवन में, मैं जागते हुए ख़्वाब बुन रहा हूँ..! लोगों के कानों में चुभती है, तरक्की किसी की जैसे..! मैं उनकी उदासियों की, ऐसी ही मजबूर धुन रहा हूँ..! थक गया हूँ ज़िन्दगी से, आपकी क़सम मैं कुछ यूँ ..! ज़िन्दगी और मौत के बीच, अब मौत को चुन रहा हूँ..! ©SHIVA KANT(Shayar) "

Black सवेरे की चकाचौंध, नहीं भाती मुझे अब..! तमस में खुद मैं रात की, ख़ामोशी को सुन रहा हूँ..! नींद चैन नहीं जीवन में, मैं जागते हुए ख़्वाब बुन रहा हूँ..! लोगों के कानों में चुभती है, तरक्की किसी की जैसे..! मैं उनकी उदासियों की, ऐसी ही मजबूर धुन रहा हूँ..! थक गया हूँ ज़िन्दगी से, आपकी क़सम मैं कुछ यूँ ..! ज़िन्दगी और मौत के बीच, अब मौत को चुन रहा हूँ..! ©SHIVA KANT(Shayar)

#Morning #Savera

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