ठिठुर कर बैठें थे सर्दी में , तेरे कदमों की आहट ने | हिंदी शायरी

"ठिठुर कर बैठें थे सर्दी में , तेरे कदमों की आहट ने गर्मी दे दी। तलाश में थे सुकून की , तेरी एक चाय ने गर्मी दे दी ।। सेक कर हाथ कई लकड़ियां तबाह की , तेरे हाथों ने गर्मी दे दी। नींद की आगोश में थे कई रातों से , तेरी एक छूअन ने गर्मी दे दी।। पी कर बैठें थे जाम पे जाम , तेरे होठों के प्यालों ने गर्मी दे दी। रूखसत थी जिंदगी मुझसे इस क़दर, तेरी आगोश ने गर्मी दे दी।। -🖋️ विj_kuश ।। ©विj"

 ठिठुर कर बैठें थे सर्दी में , तेरे कदमों की आहट ने गर्मी दे दी।
तलाश में थे सुकून की , तेरी एक चाय ने गर्मी दे दी ।।


सेक कर हाथ कई लकड़ियां तबाह की , तेरे हाथों ने गर्मी दे दी।
नींद की आगोश में थे कई रातों से , तेरी एक छूअन ने गर्मी दे दी।।


पी कर बैठें थे जाम पे जाम , तेरे होठों के प्यालों ने गर्मी दे दी।
रूखसत थी जिंदगी मुझसे इस क़दर, तेरी आगोश ने गर्मी दे दी।।


                                                   -🖋️ विj_kuश
















।।

©विj

ठिठुर कर बैठें थे सर्दी में , तेरे कदमों की आहट ने गर्मी दे दी। तलाश में थे सुकून की , तेरी एक चाय ने गर्मी दे दी ।। सेक कर हाथ कई लकड़ियां तबाह की , तेरे हाथों ने गर्मी दे दी। नींद की आगोश में थे कई रातों से , तेरी एक छूअन ने गर्मी दे दी।। पी कर बैठें थे जाम पे जाम , तेरे होठों के प्यालों ने गर्मी दे दी। रूखसत थी जिंदगी मुझसे इस क़दर, तेरी आगोश ने गर्मी दे दी।। -🖋️ विj_kuश ।। ©विj

#Light

People who shared love close

More like this

Trending Topic