White अंधेरों में उलझी है जिंदगी मेरी। अब तो आलम | हिंदी शायरी

"White अंधेरों में उलझी है जिंदगी मेरी। अब तो आलम है कि अपने साये से भी डरते हैं हम। ना हम दर्द है ना है दोस्त कोई। अगर मिले खुदा तो पूछूंगी खुदा से मैं। दुनिया की इस भीड़ में क्यों तन्हा छोडा हमें। ©farheen jahan - 786"

 White अंधेरों में उलझी है जिंदगी मेरी। 
अब तो आलम है कि अपने साये से भी डरते हैं हम।
ना हम दर्द है ना है दोस्त कोई। 
अगर मिले खुदा तो पूछूंगी खुदा से मैं। 
दुनिया की इस भीड़ में क्यों तन्हा छोडा हमें।

©farheen jahan - 786

White अंधेरों में उलझी है जिंदगी मेरी। अब तो आलम है कि अपने साये से भी डरते हैं हम। ना हम दर्द है ना है दोस्त कोई। अगर मिले खुदा तो पूछूंगी खुदा से मैं। दुनिया की इस भीड़ में क्यों तन्हा छोडा हमें। ©farheen jahan - 786

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