असल किरदार इतिहास लिखते हैं, झूठे किरदा | हिंदी शायरी

"असल किरदार इतिहास लिखते हैं, झूठे किरदार तो झूठ पर पलते हैं , जमाना मगर कहाँ हक़ीक़त जानता है ? अंधों का शहर है ,जहाँ आईने बिकते हैं । यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal'"

 असल   किरदार  इतिहास   लिखते   हैं,

झूठे    किरदार  तो  झूठ  पर  पलते   हैं ,

जमाना मगर कहाँ हक़ीक़त जानता है ?

अंधों का शहर है ,जहाँ आईने बिकते हैं ।

यशपाल सिंह "बादल"

©Yashpal singh gusain badal'

असल किरदार इतिहास लिखते हैं, झूठे किरदार तो झूठ पर पलते हैं , जमाना मगर कहाँ हक़ीक़त जानता है ? अंधों का शहर है ,जहाँ आईने बिकते हैं । यशपाल सिंह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal'

#Hum असल किरदार इतिहास लिखते हैं,

झूठे किरदार तो झूठ पर पलते हैं ,

जमाना मगर कहाँ हक़ीक़त जानता है ?

अंधों का शहर है ,जहाँ आईने बिकते हैं ।

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