White हम अपनों से हार गए
धूप छांव की करी न
परवाह,सर्दी को भी नकार गए।
शत्रु कभी जीत न पाए,
फिर भी हम अपनों से हार गए।
लहू तभी तक अपना
था, जब तक ना नैना चार भए।
जिनके लिए युद्ध लड़े इतने,
इक दिन, वो ही हमको मर गए।
दिल का दर्द कहा न जाए,
सूख के आंसू खट्टे दही अचार भए।
सोने के सिक्के खोटे पड़ गए,
देखो किस्मत, हम अपनों से हार गए।
©Anuj Ray
# हम अपनों से हार गए