वो महज़ एक लड़की नहीं, ज़िंदगी जीने की वजह है ताउम | हिंदी Poetry

"वो महज़ एक लड़की नहीं, ज़िंदगी जीने की वजह है ताउम्र गुज़ार दी जाए एक ऐसी खूबसूरत सी सज़ा है सच्चाई उसकी सुंदरता और मासूमियत उसका गहना है अब तो बस ज़िंदगी भर मुझे उसके संग ही रहना है अब बस मुझे इतना ही उससे कहना है कि ख़ुशी में तुम्हारी होठों की मुस्कान और गम में तुम्हारी आँखों का आँसू बनकर बहना है खून का तो नहीं, पर हाँ रूहानी सा हमारा रिश्ता है गर मैं हूर की परी तो वो मेरा फरिश्ता है मैं कभी टूट कर बिखर जाऊं तो बस वो ही मेरा एकलौता सहारा है चाहे कितना भी बुरा वक़्त क्यों न हो हम दोनों ने साथ मिलकर ही गुजारा है हमारी बरसो की दोस्ती के बीच ये बस कुछ दिन की ही दूरिया कुल है चाहे रोज़ हमारी बात हो न हो पहली जैसी मुलाक़ात हो या न हो पर हम दोनों के होने से ही तो आधा फुल है ©best psychiatrist"

 वो महज़ एक लड़की नहीं, ज़िंदगी जीने की वजह है
ताउम्र गुज़ार दी जाए एक ऐसी खूबसूरत सी सज़ा है
सच्चाई उसकी सुंदरता और मासूमियत उसका गहना है
अब तो बस ज़िंदगी भर मुझे उसके संग ही रहना है
अब बस मुझे इतना ही उससे कहना है
कि ख़ुशी में तुम्हारी होठों की मुस्कान और 
गम में तुम्हारी आँखों का आँसू बनकर बहना है
खून का तो नहीं, पर हाँ रूहानी सा हमारा रिश्ता है
गर मैं हूर की परी तो वो मेरा फरिश्ता है
मैं कभी टूट कर बिखर जाऊं
 तो बस वो ही मेरा एकलौता सहारा है
चाहे कितना भी बुरा वक़्त क्यों न हो 
हम दोनों ने साथ मिलकर ही गुजारा है
हमारी बरसो की दोस्ती के बीच 
ये बस कुछ दिन की ही दूरिया कुल है
चाहे रोज़ हमारी बात हो न हो
पहली जैसी मुलाक़ात हो या न हो
पर हम दोनों के होने से ही तो आधा फुल है

©best psychiatrist

वो महज़ एक लड़की नहीं, ज़िंदगी जीने की वजह है ताउम्र गुज़ार दी जाए एक ऐसी खूबसूरत सी सज़ा है सच्चाई उसकी सुंदरता और मासूमियत उसका गहना है अब तो बस ज़िंदगी भर मुझे उसके संग ही रहना है अब बस मुझे इतना ही उससे कहना है कि ख़ुशी में तुम्हारी होठों की मुस्कान और गम में तुम्हारी आँखों का आँसू बनकर बहना है खून का तो नहीं, पर हाँ रूहानी सा हमारा रिश्ता है गर मैं हूर की परी तो वो मेरा फरिश्ता है मैं कभी टूट कर बिखर जाऊं तो बस वो ही मेरा एकलौता सहारा है चाहे कितना भी बुरा वक़्त क्यों न हो हम दोनों ने साथ मिलकर ही गुजारा है हमारी बरसो की दोस्ती के बीच ये बस कुछ दिन की ही दूरिया कुल है चाहे रोज़ हमारी बात हो न हो पहली जैसी मुलाक़ात हो या न हो पर हम दोनों के होने से ही तो आधा फुल है ©best psychiatrist

#Dosti @Priya Rawat

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