कितना सुकून मिलता है इन पंछियों के साथ,खुली हवा खुली फिजा में इन बेजुबानों के साथ,क्योंकि इतना सुकून तो आज कल किसी भी,बड़ी से बड़ी ऊंचाई पर भी पहुंचने के बाद नही मिलता,जितना सुकून इन फिजाओं में हैं इन बेजुबानों के साथ,कहने को ये बेजुबान हैं लेकिन हम जुबान वालों से भी कहीं ज्यादा ये समझदार हैं।।
©Shurbhi Sahu
#सुकून के पल