हां उससे मुलाकात होती है , मिलकर बहुत सारी बात होत | हिंदी शायरी

"हां उससे मुलाकात होती है , मिलकर बहुत सारी बात होती है , पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु , कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु , सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे , तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु , ये सब कहने से डरता हु तुझसे , क्योकि खोने से डरता हु तुझे , काश ये बात तेरे दिल तक पहुच जाये , और मेरे हिस्से का खुदा प्यार मुकम्मल हो जाये ! ©Atit Arya"

 हां उससे मुलाकात होती है ,
मिलकर बहुत सारी बात होती है ,
पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु ,
कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु ,
सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे ,
तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु ,
ये सब कहने से डरता हु तुझसे ,
क्योकि खोने से डरता हु तुझे ,
काश ये बात तेरे दिल तक पहुच जाये ,
और मेरे हिस्से का खुदा प्यार मुकम्मल हो जाये !

©Atit Arya

हां उससे मुलाकात होती है , मिलकर बहुत सारी बात होती है , पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु , कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु , सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे , तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु , ये सब कहने से डरता हु तुझसे , क्योकि खोने से डरता हु तुझे , काश ये बात तेरे दिल तक पहुच जाये , और मेरे हिस्से का खुदा प्यार मुकम्मल हो जाये ! ©Atit Arya

हां उससे मुलाकात होती है ,
मिलकर बहुत सारी बात होती है ,
पता नहीं क्यो उससे दिल की बात कह नहीं पाता हु ,
कि तेरे बिना मैं एक पल रह नहीं पाता हु ,
सोचता हु तुझको हर लम्हा अपने ख्यालो मे ,
तुझसे दूर होकर मैं शो नहीं पाता हु ,
ये सब कहने से डरता हु तुझसे ,
क्योकि खोने से डरता हु तुझे ,

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