बहन जब बांधती कलाई पर एक धागा है
मन प्रफुल्लित हो उठता है उसका
जिसको नहीं मिला ऐसा मौका वो अभागा है
मैंने भी सुना और सारे जग ने सुना है
इस रिश्ते का तो इतिहास भी गवाह है
रिश्तो का समंदर भरा है संस्कार से
इसका सदैव रहा तेज प्रवाह है
जब भी पुकारा है बहन ने भाई को
वो गहरी से गहरी नींद में भी जागा है
बहन जब बांधती कलाई पर एक धागा है
मन प्रफुल्लित हो उठता है उसका
जिसको नहीं मिला ऐसा मौका वो अभागा है
मुस्कुराता है भाई सज धज कर
जब जाती है घर से वो दुल्हन बनकर
जानती है बहन कि भाई सिसकता होगा
लेकिन वो गले लगा लेता है बहन को पिता बनकर
आंसू नहीं निकलने देगा आंखों से
करता ये बहन से वादा है
बहन जब बांध की कलाई पर एक धागा है
मन प्रफुल्लित हो उठता है उसका
जिसको नहीं मिला ऐसा मौका वो अभागा है
©parveen mati
बहन जब बांधती कलाई पर एक धागा है
मन प्रफुल्लित हो उठता है उसका
जिसको नहीं मिला ऐसा मौका वो अभागा है
मैंने भी सुना और सारे जग ने सुना है
इस रिश्ते का तो इतिहास भी गवाह है
रिश्तो का समंदर भरा है संस्कार से
इसका सदैव रहा तेज प्रवाह है