स्याही का बनता बिगड़ता आकार, भावों का भिन्न भिन्न प | हिंदी Poetry Vide

"स्याही का बनता बिगड़ता आकार, भावों का भिन्न भिन्न प्रकार, कलम का पन्ने से प्यार का इज़हार, एक लिखारी के मन मे मचा हाहाकार, शब्दों के रूप मे लिखे गए विचार, ही लेखनी है I ©Poet Aman "

स्याही का बनता बिगड़ता आकार, भावों का भिन्न भिन्न प्रकार, कलम का पन्ने से प्यार का इज़हार, एक लिखारी के मन मे मचा हाहाकार, शब्दों के रूप मे लिखे गए विचार, ही लेखनी है I ©Poet Aman

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