✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा ला | हिंदी Video

"✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं* *सुबह आठ बजे नौकरियों* *पर जाते हैं* *रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं* *अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं* *अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं* *कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं* *भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं* *मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं* *अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं* *फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं* *उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं* *परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है* *केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है* *दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ?* *अनजान है सबसे किसी को न मानता है* *आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है* *टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है* *यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है* *छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है* *नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है* *जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है* *उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है* *कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है* *जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है* *देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है* *वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है* *संडे की छुट्टी मौम-डैड के संग बिताता है* *वक्त नहीं रुकता है तेजी से गुजर जाता है* *वह स्कूल से निकल के कालेज में आता है* *कान्वेन्ट में पढ़ने पर इंडिया कहाँ भाता है* *आगे पढाई करने वह विदेश चला जाता है* *वहाँ नये दोस्त बनते हैं उनमें रम जाता है* *मां-बाप के पैसों से ही खर्चा चलाता है* *धीरे-धीरे वहीं की संस्कृति में रंग जाता है* *मौम डैड से रिश्ता पैसों का रह जाता है* *कुछ दिन में उसे काम वहीं मिल जाता है* *जीवन साथी शीघ्र ढूंढ वहीं बस जाता है* *माँ बाप ने जो देखा ख्वाब वो टूट जाता है* *बेटे के दिमाग में भी कैरियर रह जाता है* *बुढ़ापे में माँ-बाप अब अकेले रह जाते हैं* *जिनकी अनदेखी की उनसे आँखें चुराते हैं* *क्यों इतना कमाया ये सोच के पछताते हैं* *घुट घुट कर जीते हैं खुद से भी शरमाते हैं* *हाथ पैर ढीले हो जाते, चलने में दुख पाते हैं* *दाढ़-दाँत गिर जाते, मोटे चश्मे लग जाते हैं* *कमर भी झुक जाती, कान नहीं सुन पाते हैं* *वृद्धाश्रम में दाखिल हो, जिंदा ही मर जाते हैं :* *सोचना की बच्चे अपने लिए पैदा कर रहे हो या विदेश की सेवा के लिए।* *बेटा एडिलेड में, बेटी है न्यूयार्क।* *ब्राईट बच्चों के लिए, हुआ बुढ़ापा डार्क।* *बेटा डालर में बंधा, सात समन्दर पार।* *चिता जलाने बाप की, गए पड़ोसी चार।* *ऑन लाईन पर हो गए, सारे लाड़ दुलार।* *दुनियां छोटी हो गई, रिश्ते हैं बीमार।* *बूढ़ा-बूढ़ी आँख में, भरते खारा नीर।* *हरिद्वार के घाट की, सिडनी में तकदीर।* *तेरे डालर से भला, मेरा इक कलदार।* *रूखी-सूखी में सुखी,* *अपना घर संसार* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान "ASTRO सर्व समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' "

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं* *तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं* *सुबह आठ बजे नौकरियों* *पर जाते हैं* *रात ग्यारह तक ही वापिस आते हैं* *अपने परिवारिक रिश्तों से कतराते हैं* *अकेले रह कर वह कैरियर बनाते हैं* *कोई कुछ मांग न ले वो मुंह छुपाते हैं* *भीड़ में रहकर भी अकेले रह जाते हैं* *मोटे वेतन की नौकरी छोड़ नहीं पाते हैं* *अपने नन्हे मुन्ने को पाल नहीं पाते हैं* *फुल टाइम की मेड ऐजेंसी से लाते हैं* *उसी के जिम्मे वो बच्चा छोड़ जाते हैं* *परिवार को उनका बच्चा नहीं जानता है* *केवल आया'आंटी' को ही पहचानता है* *दादा-दादी, नाना-नानी कौन होते है ?* *अनजान है सबसे किसी को न मानता है* *आया ही नहलाती है आया ही खिलाती है* *टिफिन भी रोज़ रोज़ आया ही बनाती है* *यूनिफार्म पहना के स्कूल कैब में बिठाती है* *छुट्टी के बाद कैब से आया ही घर लाती है* *नींद जब आती है तो आया ही सुलाती है* *जैसी भी उसको आती है लोरी सुनाती है* *उसे सुलाने में अक्सर वो भी सो जाती है* *कभी जब मचलता है तो टीवी दिखाती है* *जो टीचर मैम बताती है वही वो मानता है* *देसी खाना छोड कर पीजा बर्गर खाता है* *वीक एन्ड पर मॉल में पिकनिक मनाता है* *संडे की छुट्टी मौम-डैड के संग बिताता है* *वक्त नहीं रुकता है तेजी से गुजर जाता है* *वह स्कूल से निकल के कालेज में आता है* *कान्वेन्ट में पढ़ने पर इंडिया कहाँ भाता है* *आगे पढाई करने वह विदेश चला जाता है* *वहाँ नये दोस्त बनते हैं उनमें रम जाता है* *मां-बाप के पैसों से ही खर्चा चलाता है* *धीरे-धीरे वहीं की संस्कृति में रंग जाता है* *मौम डैड से रिश्ता पैसों का रह जाता है* *कुछ दिन में उसे काम वहीं मिल जाता है* *जीवन साथी शीघ्र ढूंढ वहीं बस जाता है* *माँ बाप ने जो देखा ख्वाब वो टूट जाता है* *बेटे के दिमाग में भी कैरियर रह जाता है* *बुढ़ापे में माँ-बाप अब अकेले रह जाते हैं* *जिनकी अनदेखी की उनसे आँखें चुराते हैं* *क्यों इतना कमाया ये सोच के पछताते हैं* *घुट घुट कर जीते हैं खुद से भी शरमाते हैं* *हाथ पैर ढीले हो जाते, चलने में दुख पाते हैं* *दाढ़-दाँत गिर जाते, मोटे चश्मे लग जाते हैं* *कमर भी झुक जाती, कान नहीं सुन पाते हैं* *वृद्धाश्रम में दाखिल हो, जिंदा ही मर जाते हैं :* *सोचना की बच्चे अपने लिए पैदा कर रहे हो या विदेश की सेवा के लिए।* *बेटा एडिलेड में, बेटी है न्यूयार्क।* *ब्राईट बच्चों के लिए, हुआ बुढ़ापा डार्क।* *बेटा डालर में बंधा, सात समन्दर पार।* *चिता जलाने बाप की, गए पड़ोसी चार।* *ऑन लाईन पर हो गए, सारे लाड़ दुलार।* *दुनियां छोटी हो गई, रिश्ते हैं बीमार।* *बूढ़ा-बूढ़ी आँख में, भरते खारा नीर।* *हरिद्वार के घाट की, सिडनी में तकदीर।* *तेरे डालर से भला, मेरा इक कलदार।* *रूखी-सूखी में सुखी,* *अपना घर संसार* अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏 बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! विकास शर्मा "शिवाया " जयपुर -राजस्थान "ASTRO सर्व समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

*मियां-बीबी दोनों मिल खूब कमाते हैं*
*तीस लाख का पैकेज दोनों ही पाते हैं*

*सुबह आठ बजे नौकरियों*

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