तुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली
तुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली...।
अंधेरी थी राह हर तरफ से
मुझे लगा तूने रोशनी कर दी
तुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली...।
उबहु हूं तू मेरा ही साया लगा
चांद ने मुस्कुरा के रात कर ली
तुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली...।
उस दिनका हर पल
मुझे समझ गया
मौसम ने करवट ले के बारात सजा दी
तुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली
अफसोस हुआ तब मुझे सिर्फ इतना
के आंख खुली तो हकीकत ने जख्म में
सुबह दे दीतुमसे मिली तो लगा
आखिर मोहब्बत मैने मुकम्मल कर ली
©khushbu
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