"सुनो ?
अगर फिर कभी किसी मोड़ पर मिल जाऊ
तो एक बार फिर पलट कर मुझे देखोगे क्या?
जानती हु कहानी अधूरी है हमारी पर तुम्हारी जिंदगी के एक
पन्ने पर नाम मेरा भी है
कभी सुनाने जो बैठो दास्तान अपनी जिंदगी की
तो ज़िक्र मेरा भी करोगे क्या?
©मैं और मेरे शबदों का सफर
"