8 महीनों के बाद "रेत समाधि" ग | हिंदी कविता Video

" 8 महीनों के बाद "रेत समाधि" गीतांजलि श्री पूरी पड़ सका। पिछले 8 माह के जीवन के उतार-चढ़ाव ठीक वैसे रहे जैसे उपन्यास पढ़ने की रुचि में हुई तब्दीलियां। गुजरते-गुजरते गुजर जाने का सुख गुजरने के बाद होता है। कई सफर नहीं मांगते कि उनको कैसे और कितने समय में जिया गया वह बस अपना पूरा होना मांगते हैं। कोई हिसाब किताब नहीं। उपन्यास का प्रारंभ उसका अंत है। अंत अंत के साथ नहीं आता बल्कि प्रारंभ पर खत्म होता है। जैसे मां पीठ कर लेती है परिवार से ठीक वैसे ही बड़े कर लेते हैं परिवार की झकझक से। तो यह कहना ठीक ही होगा की कहानी अंत नहीं है इच्छाओं का बल्कि प्रारंभ है जीवन की पुनरावृत्ति का । दुनिया की सबसे बड़ी कविता के टापू से कहन की असंख्य दिशाओं में यात्रा करने वाली, विशाल कथासागर की अद्भुत शैली युक्त "रेत-समाधि" को मेरा समाधिस्थ नमन। ©Imroz Navees "

8 महीनों के बाद "रेत समाधि" गीतांजलि श्री पूरी पड़ सका। पिछले 8 माह के जीवन के उतार-चढ़ाव ठीक वैसे रहे जैसे उपन्यास पढ़ने की रुचि में हुई तब्दीलियां। गुजरते-गुजरते गुजर जाने का सुख गुजरने के बाद होता है। कई सफर नहीं मांगते कि उनको कैसे और कितने समय में जिया गया वह बस अपना पूरा होना मांगते हैं। कोई हिसाब किताब नहीं। उपन्यास का प्रारंभ उसका अंत है। अंत अंत के साथ नहीं आता बल्कि प्रारंभ पर खत्म होता है। जैसे मां पीठ कर लेती है परिवार से ठीक वैसे ही बड़े कर लेते हैं परिवार की झकझक से। तो यह कहना ठीक ही होगा की कहानी अंत नहीं है इच्छाओं का बल्कि प्रारंभ है जीवन की पुनरावृत्ति का । दुनिया की सबसे बड़ी कविता के टापू से कहन की असंख्य दिशाओं में यात्रा करने वाली, विशाल कथासागर की अद्भुत शैली युक्त "रेत-समाधि" को मेरा समाधिस्थ नमन। ©Imroz Navees

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