बेख़ौफ़ फिरूं मैं,
ये अब जो चला हूँ मैं
तो अब कहाँ रूकूँगा मैं
ये बच्चे थोड़ा खेल ले
फिर चाल भी चलूँगा मैं,
हाँ मंजिल की चाह है,
माना कठिन ये राह है
आँखो में खून है मेरे
और दिल में थोड़ी आग है
हवाओं से है दोस्ती
तूफान में उड़ूँगा मैं
बेखौफ ही जिया था मैं
बेखौफ ही जियूँगा मैं,
बस ख्वाब इक अधूरा है
वो ख्वाब भी जिऊँगा मैं
दादा-दादी करें मान मुझपे
काम वो करूँगा मैं ।।
#playbold
#Motivation