White बरसात में वन उपवन हरा-भरा।
गर्मी से सब सुखें जीव जन धरा।।
प्राकृति पर जोर किसका चला है।
सुबह बन कर रोज शाम ढ़ला है।।
रात बीतें पल पल नित्य अंधेरें में।
जगमग जगमग रौशन जग सवेरें में।।
पल पल ढ़लें लम्हा सब बदल जाए।
सर्दी गर्मी वर्षा बन बहार आए जाए।।
©Suman Trivedi
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