अकेले-पन भी हमारा ये दूर करती है
कि रख के देखो ज़रा अपने पास तस्वीरें
~दिनेश कुमार
सूने घरों में रहने वाले कुंदनी चेहरे कहते हैं
सारी सारी रात अकेले-पन की आग जलाती है
~सहबा अख़्तर
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की
~फ़रहत एहसास
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है
~इफ़्तिख़ार आरिफ़
अकेले-पन का 'अज़्मी' हो भी तो एहसास कैसे हो
तसलसुल से हमारी शाम-ए-तन्हाई सफ़र में है
~इस्लाम उज़्मा
भीड़ के ख़ौफ़ से फिर घर की तरफ़ लौट आया
घर से जब शहर में तन्हाई के डर से निकला
~अलीम मसरूर
मेरे मरने पर किसी को ज्यादा फर्क नहीं होगा,
बस तन्हाई रोएगी कि मेरा हमसफ़र चला गया
~अज्ञात
कोसते रहते हैं अपनी जिंदगी को उम्रभर
भीड़ में हंसते हैं मगर तन्हाई में रोया करते हैं
©Pandav Kumar
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