भूखे से पूछा जिदंगी तो रोटी कहा उसने ,
प्यासे से पूछा जिदंगी तो पानी कहा उसने ।
तब जाकर आया समझ जिसकी जो जरुरत थी
उसने उस जरुरत को कहा जिदंगी ।।
जिसे पाया ना जा सका हो,
जिसके बिना जीना मुमकिन ही ना हो।
उसने उसे माना "जिदंगी "।
किसी ने पग-पग कोसी जिदंगी,
किसी ने खूबसूरत ख्वाब कहा जिदंगी।
किसी ने कहा चलती का नाम जिदंगी,
किसी ने माना किस्मत से लड़कर मंजिल का संघर्ष है जिदंगी। ।
किसी फकीर ने कहा खुदा की बंदगी ही जिदंगी है।
किसी ने बेडीया तोड़कर आजादी को कहा जिदंगी। ।
मैंने माना ये तलाश है जिदंगी।
सच कहूँ तो पहेली थी जिदंगी, पहेली है जिदंगी। ।
©Man ki Bat
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