प्यारी-प्यारी कोयलिया, काली-काली कोयलिया,
मधुर बोल बोल के, जिया को लूट ले गई।
बैठ डाली - डाली पर, नाच रही फर - फर,
जाने कौन जादू कर, हिया में प्रीत दे गई।
अमवा पे बौर आई, ऋतु सिरमौर आई,
रति काम देवजी को, देखती ही रह गई।।
कुहू - कुहू कूक कर, साधे स्वर झुककर,
आया मधुमास अब, हमसे ये कह गई।
©Godambari Negi
#कोयल