कभी ये सोचा ना था कि ऐसा भी होगा
बिन तेरे मुझे इस तरह से जीना भी होगा
आखों में नमी लेकर झूठी हंसी हंसना होगा
आसमां में बिछे तारो के बीच तुझे ढूंढना होगा
कोई जो तारा टूटे तो मुझे ये समझना होगा
मिलने तू आया मुझसे मुझे ये एहसास होगा
वक्त के आगे हम है मजबूर दिल को बहलाना होगा
हम मिलेंगे ज़रूर अब फिर से ये वादा करना होगा।
अपने जीवन की सार्थकता को जानना होगा
अब तुझे अपने में समेट कर जीवन को जीना होगा।
©Sadhna Sarkar
#ankahe_jazbat
कुछ भूली बिसरी यादें याद आई है
इस सुने मन को आबाद कर गई है