Black चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… | हिंदी शायरी

"Black चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे… ©Bhanwar Panwar "

Black चेतक पर चढ़ जिसने भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर जंगल में कई साल गुजारे थे… ©Bhanwar Panwar

चेतक पर चढ़ जिसने
भाला से दुश्मन संघारे थे…
मातृ भूमि के खातिर
जंगल में कई साल गुजारे थे…

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