Beautiful Moon Night था आया भोज का निमंत्रण,
रहा ना पेट पर नियंत्रण।
देखते ही टूट पड़े,
रसगुल्लों से खूब लड़े।
रफ्तार से मेरे रसगुल्ले को हुई परेशानी,
सबक सिखाने की उसने मन में ठानी।
हर भोज्य का किया सफाया,
गरम कचौड़ी का लुत्फ उठाया।
हो गई कई प्लेटें साफ,
मान्यवर ने बोला कर दो अब हमको माफ़।
वहां से जैसे ही लौटे घर,
रसगुल्ले ने दिखाया अपना असर।
भाग भाग हम मैदान में जाते,
इधर उधर कूल्हा टिकाते।।
घर वालों ने फौरन डाक्टर बुलाया
बड़ा सा इंजेक्शन उसने लगाया।
आस पड़ोस वालों ने खूब मज़ाक़ उड़ाया,
काफी वक्त बाद मैंने आराम फरमाया। ।
written by संतोष वर्मा azamgarh वाले
खुद की जुबानी। ।
©Santosh Verma
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