इंसान को हमेशा लगता रहा है
कि वह अपने प्रेम से किसी को भी बदल सकता है
किसी के बार-बार घाव देने के बावजूद सामने वाले
के एक बुलावे पर दौड़ जाता है उसे लगता है
इस बार वह बदल गया होगा
जबकि सब झूठ होता है
कुछ ही दिनों के बाद वह #बनावटी परत उतरने लगती है
और बनावटीपन उजागर हो जाता है
फिर से वह नए घाव नए जख्म देता है
इंसान सब सह लेता है
बस अपने टूटे हुए पंख के साथ उड़ नहीं पाता है
जो लोग उड़ जाते है
उनकी जिंदगी इक नया #इतिहास रचती है
यह वक्त है
अपनी #आंतरिक_शक्ति को परखने और
समझने का जहां घुटन है वहां जिंदगी नहीं
और घुटन से परे जिंदगी बहुत खूबसूरत है..🖊️