White लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं लरज़ते झोंके गुज़रत | हिंदी Life Video

"White लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं लरज़ते झोंके गुज़रते बल खाते रेंगते सरसराते झोंके निसाई मल्बूस की तरह सरसराने वाले कड़कने वाली की चाबुकों से अगरचे दौर-ए-रवाँ के आँसू टपक रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ये कौन दुबका हुआ इस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जैसे साबुन का कोई रंगीन बुलबुला हो ज़मीं के बचपन में जो भी शय थी वो ना-शनासा-ए-आरज़ू थी शबाब आया तो रेंगने वाली रेंग उठी और आज ये हाल है कि हर शय ये चाहती है कि एक तूफ़ान बन के गिराए रास्तों में ये कौन दुबका हुआ उस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जिस तरह बहते बहते आवाज़ रुक के ये सोचने लगी हो कि जू-ए-सहरा बहेगी कब तक ये ज़िंदगी एक जू-ए-सहरा है बह रही है लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ©Jashvant "

White लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं लरज़ते झोंके गुज़रते बल खाते रेंगते सरसराते झोंके निसाई मल्बूस की तरह सरसराने वाले कड़कने वाली की चाबुकों से अगरचे दौर-ए-रवाँ के आँसू टपक रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ये कौन दुबका हुआ इस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जैसे साबुन का कोई रंगीन बुलबुला हो ज़मीं के बचपन में जो भी शय थी वो ना-शनासा-ए-आरज़ू थी शबाब आया तो रेंगने वाली रेंग उठी और आज ये हाल है कि हर शय ये चाहती है कि एक तूफ़ान बन के गिराए रास्तों में ये कौन दुबका हुआ उस आवारा रास्ते में खड़ा हुआ है कि जिस तरह बहते बहते आवाज़ रुक के ये सोचने लगी हो कि जू-ए-सहरा बहेगी कब तक ये ज़िंदगी एक जू-ए-सहरा है बह रही है लरज़ने वाले लरज़ रहे हैं मगर नज़र जिस तरफ़ भी उठती है देखती है गुज़र रहे हैं गुज़रने वाले ©Jashvant

एक नज्म @Geet Sangeet ADV.काव्या मझधार @Andy Mann @Ek Alfaaz Shayri @Lalit Saxena

People who shared love close

More like this

Trending Topic