बचपन की किलकारी खिलती मेरी आँखों मै देखकर उसके चेह | हिंदी Poetry

"बचपन की किलकारी खिलती मेरी आँखों मै देखकर उसके चेहरे की मुस्कान याद आती अपने बचपन की शान जो न देख पाया अपनी आँखों से उसे मेहसूस किया उसकी सांसो से ©balram singh"

 बचपन की किलकारी खिलती मेरी आँखों मै
देखकर उसके चेहरे की मुस्कान याद आती अपने बचपन की शान
जो न  देख  पाया अपनी आँखों से उसे मेहसूस किया उसकी सांसो से

©balram singh

बचपन की किलकारी खिलती मेरी आँखों मै देखकर उसके चेहरे की मुस्कान याद आती अपने बचपन की शान जो न देख पाया अपनी आँखों से उसे मेहसूस किया उसकी सांसो से ©balram singh

meri pechan# meri shaan

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