आपके विचार, भावनायें, तर्क ,हौंसले...इतने दृढ़ नही | हिंदी Life
"आपके विचार, भावनायें, तर्क ,हौंसले...इतने दृढ़ नही है कि आप एक बार में दुनिया के पार हो जायेगें...इनको बार-२ टूटना होगा...जुड़ना होगा...
.......और आप हर बार कुछ नया बन के उभरेगें..."
आपके विचार, भावनायें, तर्क ,हौंसले...इतने दृढ़ नही है कि आप एक बार में दुनिया के पार हो जायेगें...इनको बार-२ टूटना होगा...जुड़ना होगा...
.......और आप हर बार कुछ नया बन के उभरेगें...