दूर बहुत है धूप छांँव से,  तुम अभी बहलाओ न!  ओ रे! | हिंदी क

"दूर बहुत है धूप छांँव से,  तुम अभी बहलाओ न!  ओ रे! ठहर जा स्वप्न मेरे,  छोड़ मुझको जाओ न! ©Dr Usha Kiran "

दूर बहुत है धूप छांँव से,  तुम अभी बहलाओ न!  ओ रे! ठहर जा स्वप्न मेरे,  छोड़ मुझको जाओ न! ©Dr Usha Kiran

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