पुष्प पौधों पर हो तो खिलखिलाते है। अलग होकर मुरझ | हिंदी कविता

"पुष्प पौधों पर हो तो खिलखिलाते है। अलग होकर मुरझाते है। गुँथी माला से गले की शोभा बढ़ाते है। टूट जाए तो बिखर‌ जाते है। ©SONU SUTHAR"

 पुष्प 

पौधों पर हो तो खिलखिलाते है।
अलग होकर मुरझाते है।
गुँथी माला से गले की शोभा बढ़ाते है।
टूट जाए तो बिखर‌ जाते है।

©SONU SUTHAR

पुष्प पौधों पर हो तो खिलखिलाते है। अलग होकर मुरझाते है। गुँथी माला से गले की शोभा बढ़ाते है। टूट जाए तो बिखर‌ जाते है। ©SONU SUTHAR

पुष्प

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