Village Life परियों में रानी सी है तू,
चाय में चीनी सी है तू!
फूलों में महक सी है तू,
खुशबु में चमेली सी है तू!
बरसात में नमी सी है तू,
अकेलेपन में कमी सी है तू!
दर्द में राहत सी है तू,
ख़ुशी में मन की चाहत सी है तू!
मन्दिर, मस्जिद में मन्नत सी है तू!!
स्वर्ग में भी जन्नत सी है तू,
बस तू है,और केवल तू ही है!!
©Bharat Kumar "ऋषि राज"
"ऐसी सी है तु"