गिरती-उठती, लड़खड़ाती तुतलाती, चोट खाती बचपन की नी

"गिरती-उठती, लड़खड़ाती तुतलाती, चोट खाती बचपन की नींव पर डगमगाती हर लम्हे का पूरक, हर पग का साथी हर हार का सहारा, हर जीत का सारथी बस साथ आपका पापा, मुझे हर दशा में संभालती।"

 गिरती-उठती, लड़खड़ाती
तुतलाती, चोट खाती
बचपन की नींव पर डगमगाती
हर लम्हे का पूरक, हर पग का साथी
हर हार का सहारा, हर जीत का सारथी
बस साथ आपका पापा, मुझे हर दशा में संभालती।

गिरती-उठती, लड़खड़ाती तुतलाती, चोट खाती बचपन की नींव पर डगमगाती हर लम्हे का पूरक, हर पग का साथी हर हार का सहारा, हर जीत का सारथी बस साथ आपका पापा, मुझे हर दशा में संभालती।

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