सुनो साबरियां...........
भेजना तुम इस बार फाल्गुन में.......!
एक रंग जिसमें सजा सकूं......! !
तुम्हारी प्रीत को अपने माथे पै......!!!
दूसरा रंग जो मेरे गालों को हया से सुर्ख लाल कर जाए.......!!!!
तीसरा जो मेरे अधरों पर हमेशा...!!!!!
तुम्हारा प्रेम सजाये.....
गुमनाम.....
©Rameshkumar Mehra Mehra
# भेजना तुम इस बार फाल्गुन में एक रंग जिसमें सजा सकूं तुम्हारी प्रीत कों ,अपनें माथे पर दूसरा रंग जो मेरे गालों को हटा से सुर्ख लाल कर जाए.........गुमनाम......💖