क्या धन , क्या धनतेरस, लूट गईं बैंकें, छोड़ गई हमे | हिंदी कविता

"क्या धन , क्या धनतेरस, लूट गईं बैंकें, छोड़ गई हमें नीरस, नौकरी भी गई, सर से टोकड़ी भी गई, धमा चौकड़ी भी गई, अब देश बदलने की हेकड़ी भी गई,"

 क्या धन ,
क्या धनतेरस,
लूट गईं बैंकें,
छोड़ गई हमें नीरस,

नौकरी भी गई,
सर से टोकड़ी भी गई,
धमा चौकड़ी भी गई,
अब देश बदलने की हेकड़ी भी गई,

क्या धन , क्या धनतेरस, लूट गईं बैंकें, छोड़ गई हमें नीरस, नौकरी भी गई, सर से टोकड़ी भी गई, धमा चौकड़ी भी गई, अब देश बदलने की हेकड़ी भी गई,

♥👣 धनतेरस की शुभकामनाएं मां लक्ष्मी सदा आप को धन्य धान्य से परिपूर्ण रखें 💣
#हिन्दी
#मैथिल
#दीपावली
#धनतेरस

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