पन्नों का शहर प्रिय डायरी यह मेरी ज़िंदगी के आखिर | हिंदी Poetry Video

"पन्नों का शहर प्रिय डायरी यह मेरी ज़िंदगी के आखिरी पन्ने की आखिरी पंक्ति है लगता है तेरी मेरी बस इतनी ही संगति है हाल ही में सब कुछ छूट गया था पिछले कुछ समय से मैं अकेला टूट गया था निराशाजनक रूप से मेरा जीवन एक असफल व्यापार था खूब भागा, दौड़ा लेकिन मरजाना बदकिस्मती के रथ पर सवार था एहसास हुआ कि कोई किसी की मदद नहीं कर सकता समय का पहिया अनवरत चलता है किसी के लिए नहीं रुकता दुनिया के अंधेरे किनारों पर चलना समाप्त हुआ अब तक ज़िंदगी का हर लम्हा विषाक्त हुआ वो किनारे अब भी मेरे साथ चल रहे हैं खूबसूरत भरे शहर में खालीपन ढल रहे हैं । ©मरजानो_मनोजियो (The GamePlanner) "

पन्नों का शहर प्रिय डायरी यह मेरी ज़िंदगी के आखिरी पन्ने की आखिरी पंक्ति है लगता है तेरी मेरी बस इतनी ही संगति है हाल ही में सब कुछ छूट गया था पिछले कुछ समय से मैं अकेला टूट गया था निराशाजनक रूप से मेरा जीवन एक असफल व्यापार था खूब भागा, दौड़ा लेकिन मरजाना बदकिस्मती के रथ पर सवार था एहसास हुआ कि कोई किसी की मदद नहीं कर सकता समय का पहिया अनवरत चलता है किसी के लिए नहीं रुकता दुनिया के अंधेरे किनारों पर चलना समाप्त हुआ अब तक ज़िंदगी का हर लम्हा विषाक्त हुआ वो किनारे अब भी मेरे साथ चल रहे हैं खूबसूरत भरे शहर में खालीपन ढल रहे हैं । ©मरजानो_मनोजियो (The GamePlanner)

#safar

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