ram lala ayodhya mandir
ये तारीख अट्ठारह....
कुछ याद दिलाती इस तरह....
कुछ खोया था जो आत्मिक थे इस तरह...
कि न विश्वास इतना कहीं जुड़ पाए..... ,न चैन किसी और दर पर इतना मिल पाए ......,शायद ही ऐसी उज्जवल दूसरी परिभाषा मिल पाए......
शायद ही ऐंसा रूप अब इस युग को मिल
पाए.....
नमोस्तु आचार्य श्री विद्यासागर जी🙏🙏
©Srashti Jain
गुरु वात्सल्य