महबूब की फितरत से वाकिफ हूँ इसलिए कुछ ज़ाहिर नहीं क | हिंदी Shayari

"महबूब की फितरत से वाकिफ हूँ इसलिए कुछ ज़ाहिर नहीं करता हूँ मैं"

 महबूब की फितरत से वाकिफ हूँ
इसलिए कुछ ज़ाहिर नहीं करता हूँ मैं

महबूब की फितरत से वाकिफ हूँ इसलिए कुछ ज़ाहिर नहीं करता हूँ मैं

#Broken #brokenheart #alone

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