प्रातः स्वागत करोगे नहीं सूर्य का और संध्या में | हिंदी कविता

"प्रातः स्वागत करोगे नहीं सूर्य का और संध्या में उम्मीद करोगे वो तुम्हें पूछे। ©Sukhdev"

 प्रातः स्वागत करोगे नहीं
 सूर्य का 
और संध्या में उम्मीद करोगे 
वो तुम्हें पूछे।

©Sukhdev

प्रातः स्वागत करोगे नहीं सूर्य का और संध्या में उम्मीद करोगे वो तुम्हें पूछे। ©Sukhdev

#SunSet

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