मिट गए कदमों के निशान बस रास्ता रह गया। बुझ गए दी | हिंदी Shayari Vide

"मिट गए कदमों के निशान बस रास्ता रह गया। बुझ गए दीप उम्मीदों के  अंधेरा घना रह गया।   बरस पड़ा आसमान  आफ़त की बारिश लेकर, चारों ओर बस विरानियों का ही घेरा रह गया   उजड़ गई कितनी जिंदगियां कितने ही घर उजड़े, ख़्वाब आंखों में था पल रहा फिर अधूरा रह गया।   तबाही का ये मंजर जानें कब तक चलता रहेगा, बहुत कुछ तबाह हुआ विकास का मुखौटा रह गया। लगी नज़र किसी की या भुगतान कुदरत से छेड़छाड़ का, ढहते घरौंदों को कला इन्सान बस देखता रह गया। ©Kala bhardwaj "

मिट गए कदमों के निशान बस रास्ता रह गया। बुझ गए दीप उम्मीदों के  अंधेरा घना रह गया।   बरस पड़ा आसमान  आफ़त की बारिश लेकर, चारों ओर बस विरानियों का ही घेरा रह गया   उजड़ गई कितनी जिंदगियां कितने ही घर उजड़े, ख़्वाब आंखों में था पल रहा फिर अधूरा रह गया।   तबाही का ये मंजर जानें कब तक चलता रहेगा, बहुत कुछ तबाह हुआ विकास का मुखौटा रह गया। लगी नज़र किसी की या भुगतान कुदरत से छेड़छाड़ का, ढहते घरौंदों को कला इन्सान बस देखता रह गया। ©Kala bhardwaj

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