पल्लव की डायरी
रास्ते मंजिलो के,
प्रकृति पर कहर ढा रहे है
सफर आसान हो
पेड़ पौधे खेत सब का अतिक्रमण कर
उपज और शुद्ध हवा पानी पर
अवरोध जता रहे है
जुड़ गये गॉंव भले शहरो से
जिंदगी के मूल्य सब गिरा रहे है
ये विकास नही विनाश के परिणाम
लालच के होड़ में सामने आ रहे है
झूठी शान में लुटे हुये हम सब
अधमरे और रोगों से ग्रस्त नजर आ रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#retro झूठे शान में लुटे हुये हम,अधमरे रोगों से ग्रस्त नजर आ रहे है
#nojotohindi