White नजर से गुफ्तगू खामोश लव तुम्हारी तरह
गजल ने सीखे हैं अंदाज सब तुम्हारी तरह
जो प्यास तेज हो तो रेत भी चादर ए आब दिखाई दूर से देते हैं सब तुम्हारी तरह
बुला रहा है जमाना मगर तरसता हूं कोई पुकारे मुझे बेह सबब तुम्हारी तरह हवा की तरह मैं बेताब हूं कि शाक ए गुलाब लहकती है मिरी आहट पे अब तुम्हारी तरह
©RJ VAIRAGYA
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