घूंघट में चाँद घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों, | हिंदी शायरी

"घूंघट में चाँद घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों, मोहब्बत का इम्तिहान है के अभी सब्र रखों, कोई खूबसूरत सा ख्वाब पर्दे के पीछे बैठा है, बड़ी हीं खुबसूरत शाम हैं के अभी सब्र रखों, ये बादल इन्तजार के वक़्त के साथ ढल जाएँगे, आज तो सितारों का इन्तजाम हैं के अभी सब्र रखों । घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों,,,,,,,,,,,,,,,,,,"

 घूंघट में चाँद घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों,
 मोहब्बत  का इम्तिहान  है के अभी सब्र  रखों,

कोई  खूबसूरत सा ख्वाब पर्दे के पीछे  बैठा है,
बड़ी हीं खुबसूरत शाम हैं  के अभी सब्र रखों,    

ये बादल इन्तजार के वक़्त के साथ ढल जाएँगे,
आज तो सितारों का इन्तजाम हैं के अभी सब्र  रखों ।

घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों,,,,,,,,,,,,,,,,,,

घूंघट में चाँद घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों, मोहब्बत का इम्तिहान है के अभी सब्र रखों, कोई खूबसूरत सा ख्वाब पर्दे के पीछे बैठा है, बड़ी हीं खुबसूरत शाम हैं के अभी सब्र रखों, ये बादल इन्तजार के वक़्त के साथ ढल जाएँगे, आज तो सितारों का इन्तजाम हैं के अभी सब्र रखों । घूंघट में चाँद है के अभी सब्र रखों,,,,,,,,,,,,,,,,,,

#घूंघट

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