कविता: सुदामा देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को | हिंदी कविता

"कविता: सुदामा देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय। कब पहुँचूँ मैं यदुनंदन तक, पग पूछे मुस्काये।। राह घटे ना एक डगन भी, कोशों चलता जाय। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। वृंदावन के रास रचैया, क्यों मोहे नाच नचाये। पल पल भटकूँ पथ-वन-पनघट; राह समझ ना आये।। तू चाहें तो तुझसे नाता, मुख तू मोड़े हे काहे। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। चौउर भूज कर लाया हूँ मैं, देख जयो पगलाए। जान रहा हूँ, झूठ बोल ना; तुम कब से नहीं खाये।। मैं दानी सा दान करूँगा, तुम झोली फैलाये। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। का जाने वो कौन किसन है, कौन उसे समझाये। बाल सखा वो अवतारी का, जिनकी माया छाये।। कान मोड़ कर धर ले जाये, जगत पिता को धाये। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। ~अभिजीत दे। ©Abhijeet Dey"

 कविता: सुदामा

देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।
कब पहुँचूँ मैं यदुनंदन तक, पग पूछे मुस्काये।।
राह घटे ना एक डगन भी, कोशों चलता जाय।
देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।।

वृंदावन के रास रचैया, क्यों मोहे नाच नचाये।
पल पल भटकूँ पथ-वन-पनघट; राह समझ ना आये।।
तू चाहें तो तुझसे नाता, मुख तू मोड़े हे काहे।
देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।।

चौउर भूज कर लाया हूँ मैं, देख जयो पगलाए।
जान रहा हूँ, झूठ बोल ना; तुम कब से नहीं खाये।।
मैं दानी सा दान करूँगा, तुम झोली फैलाये।
देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।।

का जाने वो कौन किसन है, कौन उसे समझाये।
बाल सखा वो अवतारी का, जिनकी माया छाये।।
कान मोड़ कर धर ले जाये, जगत पिता को धाये।
देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।।

~अभिजीत दे।

©Abhijeet Dey

कविता: सुदामा देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय। कब पहुँचूँ मैं यदुनंदन तक, पग पूछे मुस्काये।। राह घटे ना एक डगन भी, कोशों चलता जाय। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। वृंदावन के रास रचैया, क्यों मोहे नाच नचाये। पल पल भटकूँ पथ-वन-पनघट; राह समझ ना आये।। तू चाहें तो तुझसे नाता, मुख तू मोड़े हे काहे। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। चौउर भूज कर लाया हूँ मैं, देख जयो पगलाए। जान रहा हूँ, झूठ बोल ना; तुम कब से नहीं खाये।। मैं दानी सा दान करूँगा, तुम झोली फैलाये। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। का जाने वो कौन किसन है, कौन उसे समझाये। बाल सखा वो अवतारी का, जिनकी माया छाये।। कान मोड़ कर धर ले जाये, जगत पिता को धाये। देख सुदामा तड़प रहा है, मीत मिलान को हाय।। ~अभिजीत दे। ©Abhijeet Dey

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