सुकून मिलता है मुझे तेरा हाथ पकड़कर कर चलने में... | हिंदी Shayari

"सुकून मिलता है मुझे तेरा हाथ पकड़कर कर चलने में... डर ये भी रहता है तू रेत की तरह फिसल न जाए हाथों से...!! ©Dgirl2511"

 सुकून मिलता है मुझे तेरा हाथ पकड़कर कर चलने में...

डर ये भी रहता है तू रेत की तरह फिसल न जाए हाथों से...!!

©Dgirl2511

सुकून मिलता है मुझे तेरा हाथ पकड़कर कर चलने में... डर ये भी रहता है तू रेत की तरह फिसल न जाए हाथों से...!! ©Dgirl2511

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